सड़क चौड़ीकरण के लिए निर्माण कार्य हटवाने गए एसडीएम,पूर्व सांसद में बकझक
सड़क चौड़ीकरण के लिए निर्माण कार्य हटवाने गए एसडीएम,पूर्व सांसद में बकझक


रामकोला। पडरौना-कप्तानगंज मार्ग पर रामकोला कस्बे में पीएनबी शाखा के पास सड़क चौड़ीकरण के लिए निर्माण कार्य हटवाने गए एसडीएम और स्थानीय लोगों से नोंकझोंक हो गई। बाद में मौके पर पहुंचे पूर्व सांसद व बसपा नेता बालेश्वर यादव की अगुवाई में लोग हंगामा कर धरने पर बैठ गए। देर शाम मंगलवार को जांचकर कार्रवाई करने के आश्वासन पर मामला शांत हुआ। इसके चलते कई घंटे तक कस्बे का माहौल गर्म रहा।
पडरौना-कप्तानगंज मार्ग रामकोला कस्बे के बीच से गुजरता है। इसके चौड़ीकरण के लिए एनएचएआई के तरफ से चिन्हित मकानों का हिस्सा तोड़ने का काम चल रहा है। कस्बे में पंजाब नेशनल बैंक के पास पवन चौधरी के घर के आगे रामाधार यादव की झोपड़ी तथा पक्के मकान हैं। यहीं पर ईश्वर यादव, तूफानी चाय वाले तथा गोपाल शर्मा व विष्णु फल वाले की दुकान है। सोमवार की सुबह एसडीएम कप्तानगंज अरविंद कुमार के नेतृत्व में एनएचएआई के कुछ कर्मी पहुंचे और सड़क चौड़ीकरण के लिए झोपड़ी व पक्के निर्माण को जेसीबी से हटाना शुरू कर दिया। दोपहर बाद में इसकी जानकारी होने पर बसपा नेता व कुशीनगर के पूर्व सांसद बालेश्वर यादव तथा विजेंद्र पाल यादव अपने कार्यकर्ताओं के साथ पहुंचे। इसके बाद यहां हंगामा शुरू हो गया। इसकी जानकारी होते ही एसडीएम कप्तानगंज अरविंद कुमार और एसओ रामकोला संजय कुमार मिश्रा पुलिस फोर्स के साथ पहुंचे। यहां निर्माण तोड़ने को लेकर एसडीएम व उपस्थित नेताओं के बीच तीखी नोंकझोंक शुरू हो गई। इस दौरान भीड़ इतनी अधिक हो गई कि प्रशासन भी मुश्किल में पड़ गया। खैर अफसरों ने समझदारी से काम लिया और किसी तरह से माहौल को शांत बनाए रखा।
इधर, पूर्व सांसद बालेश्वर यादव व उनके समर्थक धरना पर बैठ गए। इनका कहना था कि अगर एनएचएआई द्वारा जमीन चिन्हित थी तो सड़क किनारे अगल-बगल की अन्य जमीनों पर हुए निर्माण को भी तोड़नी चाहिए था। लेकिन प्रशासन ने केवल गरीब व्यक्तियों की मकान व दुकान तोड़कर मनमानी किया है। इस उपस्थित भीड़ ने हटाए गए जगह पर दुबारा कब्जा करना शुरू कर दिया। इसको लेकर माहौल गरमाने लगा। फिलहाल शाम को एसडीएम ने आश्वासन दिया कि मंगलवार को जमीन की पैमाइश कराई जाएगी और एनएचएआई के दायरे में आने वाले सभी निर्माण को तोड़ा जाएगा। जो मकान दायरे में नहीं होगा, वहां कोई कार्रवाई नहीं होगी। एसडीएम के इस आश्वासन के बाद पूर्व सांसद भी मान गए और सभी लोग वापस लौट गए।